सोमवार, 23 मार्च 2020

ऐसा तो 1974 में भी नहीं हुआ, जब 21 दिनों का था चक्काजाम


                कोरोना ने ट्रेनों के पहियों पर लगाया ब्रेक



सार


सरकारी निर्णय पर पहली बार ट्रेन का पहिया थमेगा, लेकिन इसके पूर्व भी सरकार दबाव बनाने के लिए रेल यूनियन चक्काजाम कर चुका है। चक्काजाम में प्रदर्शनकारियों ने मालगाड़ी को भी रोक दिया था। रेलवे यूनियन के शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि ऐसा तो 1974 में भी नहीं हुआ, जब एकसाथ पूरे देश में ट्रेनों के पहिए थाम दिए गए। 

 

विस्तार


शिवगोपाल मिश्रा ने कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडीस के रेल रोको अभियान के तहत 8 मई 1974 से 15 मई 1974 तक चक्काजाम पूरी तरह से सफल रहा था। आंदोलन पूरे 22 दिन तक चला। कई जगह 3 दिन, कई जगह 4 दिन और कई जगह 15 दिन चक्काजाम रहा। जार्ज फर्नांडीस 1 मई 1974 को लखनऊ में हिरासत में ले लिए गए। लिहाजा कई जगहों पर हड़ताल 2 मई से शुरू हो गया। हालांकि जहां 2 मई से हड़ताल हुई वहां हड़ताल फेल हुई थी।
 

चक्काजाम ने आठ मई से जोर पकड़ा और 15 मई तक पूरे देश में ही रेल का चक्काजाम रहा था। हालांकि कुछ जगहों पर ट्रेनें चली भी थी। कई जगह सरकार ने फर्जी तरीके से रेलवे ट्रैक पर सिर्फ इंजन चलाया। खाली इंजन चलते रहे और सीटी बजाते रहे, यात्री ट्रेन में नहीं बैठे। सेना के जवान ही ट्रेन में सवार थे। छिटपुट ट्रेन चलती रही थी।

शिवगोपाल मिश्रा ने  बातचीत में यह भी बताया कि फरोजपुर रेल मंडल, मुरादाबद रेल मंडल, लखनऊ रेल मंडल में हड़ताल बेहद सफल रहा था। दिल्ली रेल मंडल में 75 प्रतिशत, लखनऊ 80 प्रतिशत, भटिंडा में भी करीब-करीब पूरी ट्रेन बंद थी। पंजाब मेल व लखनऊ मेल सरकार ने फर्जी तरीके से चलाई। 8 मई से 15 मई के बीच सबसे ज्यादा असर चक्काजाम का दिखा। 28 मई 1974 को ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन ने हड़ताल को वापस लिया।

ट्रेन में एक दर्जन कोरोना मरीज पाए गए


जिन लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में अनिवार्य रूप से क्वारंटीन में रहने को कहा गया है, वे भी ट्रेनों में यात्रा करते पिछले दिनों देखे गए। रेलवे ने 12 कोरोना वायरस संक्रमित यात्री को ट्रेन में सफर करते हुए पकड़ा।

टिकट रद्द कराने पर कोई चार्ज नहीं


फिलहाल, रेल यात्रियों को राहत देते हुए रेलवे ने टिकट रद्द करवाने पर कोई चार्ज नहीं लेने का फैसला लिया है। रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा। रेलवे के मुताबिक इन टिकटों को रद्द करने के एवज में 21 जून तक पैसा लिया जा सकेगा। ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए 21 मार्च से लेकर 15 अप्रैल 2020 के लिए लागू होगा। अगर कोई यात्री टेलीफोन नंबर 139 की मदद से अपना टिकट रद्द करता है तो वह यात्रा के दिन से 30 दिनों में टिकट काउंटर से रिफंड प्राप्त कर सकेगा। 

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