रविवार, 22 मार्च 2020

अमेरिका का दावा- रूस, चीन और ईरान के 'दुष्प्रचार' से फैल रहा कोरोना वायरस



  • कोरोना को लेकर फैलायी जा रही है झूठी बात

  • अमेरिकी लोग सूचना का सोर्स जरूर करें चेक


कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका ने कहा है कि यदि रूस, चीन और ईरान ने COVID-19 के बारे में सही जानकारी दी होती तो इसे फैलने से रोका जा सकता था. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इन तीनों देशों पर COVID-19 को लेकर 'दुष्प्रचार' फैलाने का आरोप लगाया है. विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर इन देशों ने कोरोना वायरस को लेकर सही जानकारी दी होती तो इसके प्रसार को रोका जा सकता था.


शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पोम्पियो ने कहा, 'कोरोना को लेकर बुरी तरीके से दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है. इसलिए जरूरी है कि जिस किसी को इससे संबंधित कोई जानकारी मिलती है, वो सोर्स की जांच जरूर करें. कई सारे 'बुरे एक्टर' अफवाह फैला रहे हैं जो कि पूरी तरह गलत है.'


उन्होंने आगे कहा, 'मैं गलत जानकारी के बारे में बात करना चाहता हूं, जो कि ट्विटर समेत कई सारे सोशल साइट्स पर पूरी दुनिया में घूम रहे हैं. इनमें से कुछ सरकार की तरफ से भी आ रही हैं जबकि कई सारे अन्य लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है.


पोम्पियो ने दुष्प्रचार फैलाने वाले तीन देशों की पहचान की है. उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से चीन, रूस और ईरान जैसे देशों की तरफ से यह फैलाया जा रहा है. जहां पर हमलोग कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं.'


उन्होंने कहा, 'कई जगह ऐसी सूचना प्रसारित की जा रही है कि COVID-19 अमेरिकी सेना की वजह से पैदा हुआ है. इस वजह से अमेरिका में लॉकडाउन किया गया है. सभी अमेरिकीवासियों से अपील है कि वो यह जरूर चेक करें कि उन्हें इस तरह की जानकारी कहां से मिल रही है.'


पूरी दुनिया में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत


बता दें, कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आकर शुक्रवार तक करीब पूरी दुनिया में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. चीन से फैले कोरोना वायरस ने दुनियाभर के करोड़ों लोगों में दहशत पैदा कर दिया है. इस वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं.


यूरोप में कोरोना वायरस ने पांच हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है. इटली जो COVID-19 से बुरी तरह प्रभावित है वहां पर मृतकों का आंकड़ा 3,405 पर पहुंच गया है.


वहीं, चीन में कुछ राहत देखने को मिली है. यहां कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले विदेशों से आने वालों में ही दिखे हैं.


इस बीच, अमेरिका ने संकेत दिए हैं कि वह सभी मोर्चों पर अपने प्रयासों को तेज कर रहा है. इसके तहत वायरस के इलाज के लिए दवा विकसित करने के साथ ही आर्थिक मोर्चे की दिक्कतों को दूर करने के लिए एक हजार अरब के आपातकालीन राहत पैकेज का वादा किया है.


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