मंगलवार, 24 मार्च 2020

कोरोना: टैक्स रिटर्न डेट से लेकर आधार—पैन लिंक की डेडलाइन बढ़ाने तक, वित्त मंत्री ने किए कई ऐलान

कोरोना को लेकर लोगों और कारोबार जगत को राहत देने के लिए सरकार जल्द ही राहत पैकज देगी. सरकार ने कई टैक्स संबंधी मसलों के अनुपालन के लिए समय 31 मार्च से बढ़ाकर जून अंत तक कर दिया है. आधार—पैन लिंक का समय भी बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है.


 



 


कोरोना को लेकर लोगों और कारोबार जगत को राहत देने के लिए सरकार जल्द ही राहत पैकज देगी. सरकार ने टैक्स संबंधी


कई मसलों के अनुपालन के लिए समय 31 मार्च से बढ़ाकर जून अंत तक कर दिया है. आधार—पैन लिंक का समय भी बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी है. वित्त वर्ष 2018—19 के​ ​लिए आईटी रिटर्न की सीमा बढ़ाकर 30 जून तक कर दी गई है. इस पर ब्याज दर में भी कमी की गई है.


जीएसटी फाइ​लिंग डेट को भी आगे बढ़ाकर 30 जून किया गया ताकि छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को राहत मिल सके. इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम का समय भी बढ़ाकर जून तक कर दिया गया है.


 


वित्त मंत्री के प्रमुख ऐलान इस प्रकार हैं:


विवाद से विश्वास तक स्कीम 30 जून तक बढ़ाई गई.


TDS पर ब्याज 18 प्रतिशत की जगह 9 प्रतिशत लगेगा.


मार्च, अप्रैल, मई का जीएसटी रिटर्न भरने की तारीख भी 30 जून तक बढाई गई.


आधार-पैन लिंक की आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक किया गया. यह भी पहले 31 मार्च तक थी.


इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (2018-19) को बढ़ाकर 30 जून तक किया गया.


रिटर्न में देरी पर 12 की जगह 9 प्रतिशत चार्ज


कोरोना वायरस से जुड़े कार्यों में अब CSR का फंड दिया जा सकता है. यानी यह फंड अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा.


कॉर्पोरेट को राहत देते हुए यह कहा गया कि बोर्ड बैठक 60 दिनों के लिए टाला जा सकता है. यह राहत फिलहाल अगली दो तिमाही के लिए है.



 


5 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने में देरी पर फिलहाल जुर्माना नहीं.


गौरतलब है के ​कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कई राज्यों ने लॉकडाउन और कर्फ्यू लगा दिया है जिससे कारोबार और अन्य कामकाज लगभग ठप है. इसका बड़ा नुकसान कंपनियों और इकोनॉमी को हो रहा है. ऐसे में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके कहा है कि वह कंपनियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करेंगी.


देश में रहने की सीमा पर राहत


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसी कंपनी का डायरेक्टर अगर मिनिमम रेजिडेंसी की शर्त को नहीं मानता है तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. किसी डायरेक्टर के लिए देश में कम से कम 182 दिन रहना पड़ता था लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा.


इसी तरह कंपनी आॅडिर्स की रिपोर्ट आॅर्डर 2020 में जो पहले फिस्कल ईयर 2019-20 में आने वाली थी अब इसे फिस्कल ईयर 2020-21 के लिए टाल दिया गया है.


बोर्ड मीटिंग के लिए मोहलत


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कंपनियों की बोर्ड मीटिंग को अगली दो तिमाहियों तक 60 दिनों की मोहलत दी गई है.


 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें