रविवार, 22 मार्च 2020

कोरोना वायरस : जनता कर्फ़्यू पर क्या कर रही है आम जनता


कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार सुबह सात बजे रात नौ बजे तक जनता कर्फ़्यू शुरू हो चुका है.


इस दौरान लोगों से बहुत ज़रूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलने के लिए कहा गया है. प्रतीकात्मक रूप से इसे कोरोना वायरस को लेकर आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर तैयार रहने के तौर पर मनाया जा रहा है.


इस दौरान शाम पांच बजे कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग में योगदान दे रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अर्पित करने की भी योजना है.


जनता कर्फ़्यू को देश के अलग-अलग हिस्सों के लोग कैसे देख रहे हैं, उनके यहां कोरोना वायरस को लेकर कैसी चर्चा है और वे जनता कर्फ़्यू के दौरान क्या करने का प्लान बनाकर बैठे हैं?


पढ़ाई से ब्रेक लेकर आर्ट में मन रमाने की तैयारी


श्रद्धा परमार दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर कोचिंग लेती हैं. वह इन दिनों अपने पीजी में बंद हैं. वह बताती हैं कि जनता कर्फ़्यू के दौरान उन्हें पढ़ाई से अलग हटकर अपनी पसंद की चीज़ें करने का मौक़ा मिलेगा.


उन्होंने बीबीसी को बताया, "मैं घर नहीं जा पाई और दिल्ली में ही रह गई. यहां पीजी में स्ट्रेस हो रहा था. पढ़ाई में भी ध्यान नहीं लग रहा. मगर आज मैं यहां अपनी पसंद की चीज़ें करूंगी जो नहीं कर पा रही थी."



"मैंने शनिवार को ही इसकी शुरुआत भी कर दी थी. एक पेटिंग बनाई है और थोड़ी एक्सराइज़ की क्योंकि वॉक पर नहीं जा पा रही. रविवार का शेड्यूल भी यही रहेगा. कुछ समय पढ़ाई, फिर आर्ट वर्क, फिर एक्सराइज़, फिर नेटफ्लिक्स पर अपना पसंदीदा 'फ्रेंड्स' देखूंगी क्योंकि इसे देखकर स्ट्रेस कम होता है."


तरह-तरह की चिंताएं


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिंगर कनिका कपूर के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद थोड़ी चिंता है.



विकास तिवारी कारोबारी हैं. वह बताते हैं कि शुक्रवार को प्रशासन के आदेश के बाद से ही अधिकतर दुकानें बंद हैं. शनिवार को भी बड़े बाज़ार बंद रहे, ऐसे में रविवार को होने वाला जनता कर्फ़्यू उसी में एक कड़ी है. ऐसे में वह दिन भर टीवी देखकर बिताने का प्लान बनाकर बैठे हैं.


लखनऊ के मुख्य बाज़ार इंदिरा नगर, महानगर, खुर्रम नगर आपस में लगे हुए हैं. यहां संदिग्ध मिलने के कारण इन्हें बंद करना पड़ा है.


हालांकि, विकास तिवारी लखनऊ के लोगों में फैली एक और चिंता को लेकर इशारा करते हैं. उन्होंने कहा, "लोगों में संशय है कि कहीं यह जनता कर्फ़्यू आगे एक दिन से अधिक न बढ़ जाए, इसलिए कुछ लोग जरूरी सामान जमा करने लगे हैं."




कहीं लापरवाही, कहीं सावधानी



 


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